बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 - हिन्दी - कार्यालयी हिन्दी एवं कम्प्यूटर बीए सेमेस्टर-2 - हिन्दी - कार्यालयी हिन्दी एवं कम्प्यूटरसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 - हिन्दी - कार्यालयी हिन्दी एवं कम्प्यूटर
अध्याय - 2
कार्यालयी हिन्दी में प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली
जिलाधिकारी - जिला प्रशासन का सबसे बड़ा अधिकारी जिलाधिकारी होता है, जिसे कलेक्टर या डी०एम० के नाम से भी जाना जाता है। यह जिले में राजस्व विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी और सर्वोच्च प्रशासक होता है। जिलाधिकारी के कार्यों के सुचारू रूप से संचालन के लिए निम्नलिखित तीन मुख्य अधिकारी होते हैं-
(क) जिला स्तरीय विभागीय अधिकारी,
(ख) अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन),
(ग) अतिरिक्त जिला कलेक्टर (विकास)
(क) जिला स्तरीय विभागीय अधिकारी – जिलाधिकारी कार्यालय के अन्तर्गत निर्वाचन, खाद्य और आपूर्ति, समाज कल्याण, बचत आदि विभागों के कार्यालय आते हैं। इन सभी विभागों के मुखिया जिला स्तरीय विभागीय अधिकारी कहलाते हैं, जो अपने-अपने विभागों और कार्यालयों के अनुसार अलग-अलग पदनाम से जाने जाते हैं; जैसे- जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला बचत अधिकारी आदि ।
(ख) अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) — जिले की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी के अधीन अतिरिक्त जिलाधिकारी नियुक्त होते हैं, जिन्हें हम ए०डी०एम० के पदनाम से भी जानते हैं। प्रायः जिला स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्थाएँ और विकास योजनाएँ आदि इन्हीं की देख-रेख में संचालित होती हैं। इनके अधीन जिले की तीन व्यवस्थाएँ आती हैं— जेल प्रशासन, कानून व व्यवस्था तथा राजस्व प्रशासन। ये व्यवस्थाएँ कैसे चलती हैं और मुख्य अधिकारी कौन होते हैं, इसका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार हैं-
1. जेल प्रशासन - जेल प्रशासन का मुखिया जिला जेल निरीक्षक / अधीक्षक होता है, इसकी सहायता अथवा जेल की व्यवस्था के लिए जेलर, चिकित्साधिकारी, चिकित्सा अधीनस्थ कर्मचारी, कम्पाउण्डर्स, जेल उद्योग अधीक्षक, उप-अधीक्षक, सहायक जेलर, मेटून, मुख्य प्रहरी, द्वारपाल, आरक्षित गार्ड आदि अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त होते हैं।
2. कानून व व्यवस्था - जिले में कानून एवं शान्ति बनाए रखने की व्यवस्था पुलिस प्रशासन करता है। जिले में प्रायः पुलिस प्रशासन का सबसे बड़ा अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक होता है, जिसे एस०एस०पी० के नाम से भी जाना जाता है। जिले में सभी तरह के अपराध रोकना इसी का कार्य होता है। जिन जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का पद नहीं होता है, वहाँ पुलिस अधीक्षक (एस०पी०) ही पुलिस प्रशासन का मुख्य अधिकारी होता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस अधीक्षक (एस०पी०), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( ए०एस०पी०), उप पुलिस अधीक्षक ( डी०एस०पी०) सर्किल निरीक्षक (सी०ओ० ), निरीक्षक ( इंस्पेक्टर - थाना स्तर), उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर), मुख्य आरक्षी (हेड कांस्टेबल), और सबसे अन्त में आरक्षी (कांस्टेबल) कार्य करते हैं। इनमें से अनेक पदों की संख्या जिले के क्षेत्रानुसार भिन्न-भिन्न होती है।
3. राजस्व प्रशासन - जिले में राजस्व की प्राप्ति के लिए ए०डी०एम० प्रशासन के अन्तर्गत तहसील स्तर पर उप प्रभागीय न्यायाधीश (एस०डी०एम० ) की नियुक्ति होती है। इसके पश्चात् उपखण्ड अधिकारी (एस०डी०ओ० ), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी होते हैं।
(ग) अतिरिक्त जिला कलेक्टर (विकास) - जिलाधिकारी कार्यालय के अन्तर्गत अतिरिक्त जिला कलेक्टर (डेवलेपमेण्ट ) कार्य करते हैं। इन्हें अतिरिक्त जिला अधिकारी (विकास) के नाम से भी जाना जाता है। ये जिले में विकास सम्बन्धी कार्यों को देखते हैं। इन्हें जिला मुख्य विकास अधिकारी पदनाम भी इनके कार्यों के कारण ही दिया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, अल्पसंख्यक कल्याण, कृषि, भू-संरक्षण, महिला अधिकारिता, श्रम कल्याण, खनन, खेलकूद, पशुपालन, सहकारिता, समाज कल्याण के कार्य इन्हीं के माध्यम से सम्पादित होते हैं।
प्रशासनिक एवं विधिक शब्दावली
विधिक शब्दावली से आशय और कार्यालयों से उसका सम्बन्ध 'विधि' कानून (नियम) को कहते हैं और जो कानून से सम्बन्धित हो उसे 'विधिक' कहा जाता है। इस तरह कानून से सम्बन्धित शब्दावली को विधिक शब्दावली कहते हैं। प्रत्येक कार्यालय को लेकर कुछ न्यायिक विवाद भी पैदा होते हैं, उनके न्यायिक निस्तारण के लिए किए जाने वाले पत्राचार में विधिक शब्दावली का प्रयोग करना ही पड़ता है। न्याय विभाग से जुड़े कार्यालयों की शब्दावली तो पूर्णतः विधिक ही होती है। विधिक शब्दावली के पाँच उदाहरण इस प्रकार हैं-.
1. Disciplinary Court-----------अनुशासन न्यायालय
2. Documentary Evidence------दस्तावेजी साक्ष्य
3.Jurisdiction and Powers------अधिकारिता और शक्तियाँ
4. Special Interest---------------विशेष हित
5. Witness Box---------------- साक्षी कठघरा / गवाह का कठघरा ।
कार्यालयी हिन्दी की प्रयुक्तियाँ
क्र०सं० |
अंग्रेजी अभिव्यक्ति |
हिन्दी प्रयुक्ति |
1. | adhoc promotion | तदर्थ पदोन्नति |
2. | average expenditure | औसत व्यय |
3. | balance of trade (trade balance) | व्यापार सन्तुलन |
4. | bill of exchange | विनिमय पत्र |
5. | bonafide employee | वास्तविक कर्मचारी |
6. | budget adjustment | बजट समायोजन |
7. | campus interview | परिसर साक्षात्कार |
8. | cooperative society | सहकारी समिति |
9. | cottage industry | कुटीर उद्योग |
10. | databank administration | आँकड़ा बैंक - प्रशासन |
11. | death anniversary | पुण्यतिथि |
12. | departmental permission | विभागीय अनुमति |
13. | disciplinary action | अनुशासनिक कार्यवाही |
14. | domestic economy | घरेलू अर्थव्यवस्था |
15. | editorial board | सम्पादन मण्डल |
16. | emerging market | उभरता बाजार |
17. | essential service | अनिवार्य सेवा |
18. | estimated cost | अनुमानित लागत |
19. | exchange rate | विनिमय दर |
20. | face value | अंकित मूल्य |
21. | fiscal policy | राजकोषीय नीति |
22. | gazetted holiday | राजपत्रित अवकाश |
23. | good governance | सुशासन |
24. | high income group | उच्च आय वर्ग |
25. | honorary degree | मानद उपाधि |
26. | illegal construction | अवैध निर्माण |
27. | implementation | कार्यान्वयन, परिचालन |
28. | income and expenditure account | आय-व्यय लेखा |
29. | industrial capacity | औद्योगिक क्षमता |
30. | investment trust | निवेश न्यास |
31. | job evaluation | कार्य मूल्यांकन |
32. | joint beneficiary | संयुक्त लाभार्थी |
33. | justice system | न्याय-पद्धति |
34. | key industry | आधारभूत उद्योग |
ई-शासन के अन्तर्गत हिन्दी के नए शब्दों की सम्भावना
'शब्दनिधि' वास्तव में एक अंग्रेजी-हिन्दी द्विभाषिक कोश है। इसे अभी आरम्भिक स्तर पर लगभग 25 हजार बहुप्रचलित शब्दों को आधार बनाते हुए विकसित किया गया है। बाद में इसका विस्तार एक लाख शब्दों तक करने की योजना है। यह कोश द्विभाषीय है अर्थात अंग्रेजी शब्द डालने पर हिन्दी शब्द आएगा और हिन्दी शब्द डालने पर अंग्रेजी शब्द। इसके अलावा इस कोश में अंग्रेजी शब्दों के एक से अधिक हिन्दी अर्थ भी देखे जा सकेंगे।
इस सॉफ्टवेयर के दूसरे चरण में मराठी और भोजपुरी के शब्दों को जोड़ते हुए इसे चतुर्भाषिक बनाने की योजना है। फिर यदि सम्भव हो सका तो इसमें संस्कृत और अन्य भाषाओं के शब्दों को भी सम्मिलित किया जाएगा।
हिन्दी भाषा के लिए यूनिकोड आधारित की-बोर्ड - ड्राइवर ( यूनिकोड टाइपिंग टूल ) – यह सॉफ्टवेयर मूल रूप से एक टाइपिंग टूल है, जो हिन्दी भाषा में डेटा या लेख तैयार करने के लिए उपयोगी है। इसके द्वारा हिन्दी में ई-मेल, टैक्स्ट तैयार करने, हिन्दी भाषा में लघु कथाएँ, आलेख लिखने, रिपोर्ट तैयार करने, कार्यालय सम्बन्धी सूचनाएँ तैयार करने आदि जैसे सरल कार्यों को सरलतापूर्वक किया जा सकता है।
हिन्दी भाषा के यूनिकोड आधारित ओपन टाइप फॉण्ट्स (यूनिकोर्ड फॉण्ट्स ) – ये फॉण्ट्स हिन्दी भाषा में डेटा या लेख तैयार करते समय इस्तेमाल किए जा सकते हैं। ये फॉण्ट्स यूनिकोड आधारित हैं, इसलिए ये संग्रहण मानक का पालन करते हैं। ये फॉण्ट्स सौन्दर्यात्मक रूप में अपेक्षाकृत सुन्दर दिखाई देते हैं।
स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
1. अर्द्धसरकारी कार्यालय - जो संस्थाएँ केन्द्र या राज्य सरकारों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की संस्थाओं के साझा सहयोग से चलती हैं अर्थात् जिस संस्था में सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों की पूँजी लगी होती है और उसके प्रबन्धतन्त्र में भी दोनों की हिस्सेदारी होती है, उसे अर्द्ध सरकारी संस्था कहा जाता है। इन्हें ही सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी (सरकारी शेयर आधे से अधिक होने पर) अथवा संस्था भी कहते हैं; जैसे- भारतीय जीवन बीमा निगम, उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम। ऐसे संस्थाओं के कार्यालय ही अर्द्ध सरकारी कार्यालय कहलाते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं पर सरकार का नियन्त्रण होता है।
2. जिन संस्थाओं अथवा कम्पनियों में सरकार की कोई हिस्सेदारी नहीं होती और उनके प्रबन्धतन्त्र में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता, ऐसी संस्थाओं अथवा कम्पनियों को गैर सरकारी या निजी संस्थाएँ कहते हैं। इन संस्थाओं के कार्यालय गैर सरकारी कार्यालय कहलाते हैं।
3. सरकारी और निजी कार्यालय में सबसे मुख्य अन्तर प्रबन्धकीय व्यवस्था को लेकर होते हैं। सरकारी कार्यालयों का मुखिया विभागाध्यक्ष अथवा कार्यालयाध्यक्ष कहलाता है, जबकि निजी कार्यालयों का मुखिया प्रबन्धक होता है। निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या और पदनाम निश्चित नहीं होते, जबकि सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या और पदनाम पहले से संवैधानिक व्यवस्था द्वारा निश्चित होते हैं।
4. सरकारी विभागों और कार्यालयों से सम्बद्ध कर्मचारियों तथा अधिकारियों के कामकाज के लिए राजभाषा आयोग ने कुछ शब्दों और कुछ वाक्यावलियों को प्रामाणिक मान्यता प्रदान की है, जिन्हें पारिभाषिक शब्दावली अथवा वाक्यावली कहते हैं। वित्तीय संस्थान, जनसंचार माध्यम आदि जीवन के सभी क्षेत्रों में पारिभाषिक शब्दावली का प्रयोग हो रहा है।
5. जिला स्तर पर प्रशासनिक कार्यालय को कलक्ट्रेट अथवा जिलाधिकारी का कार्यालय कहते हैं। उसका मुख्य अधिकारी जिलाधिकारी / जिलाधीश या डी०एम० होता है।
6. अतिरिक्त जिला कलेक्टर जिले की ये तीन मुख्य व्यवस्थाएँ देखते हैं- जेल प्रशासन, कानून व व्यवस्था और राजस्व प्रशासन ।
7. सरकारी और निजी कार्यालयों की शब्दावली में अन्तर-सरकारी और निजी कार्यालयों की शब्दावली एवं क्रिया-प्रणाली में पर्याप्त अन्तर होता है। सरकारी कार्यालयों के पत्राचार में पूर्व निर्धारित पारिभाषिक शब्दावली का प्रयोग होता है, जबकि निजी कार्यालयों के पत्राचार की शब्दावली में ऐसी कोई बाध्यता नहीं होती। सरकारी पत्राचार औपचारिक शैली में होता है, जबकि निजी पत्राचार की शब्दावली में ऐसी कोई बाध्यता नहीं होती। सरकारी पत्राचार औपचारिक शैली में होता है, जबकि निजी पत्राचार में औपचारिक शैली का प्रयोग कम और अनौपचारिक शैली का प्रयोग अधिक होता है।
8. तृतीय श्रेणी के अन्तर्गत प्रायः लिपिकीय कार्य करने वाले कर्मचारी आते हैं और चतुर्थ श्रेणी के अन्तर्गत चपरासी, सन्देशवाहक, ड्राइवर, चौकीदार, माली, सफाई कर्मचारी आदि आते हैं।
9. केन्द्र सरकार और उसके मन्त्रालयों से सम्बन्धित जितने भी विभाग होते हैं, उनके कार्यालयों को केन्द्रीय कार्यालय कहा जाता है। केन्द्रय सचिवाचल से लेकर किसी गली के एक छोटे से कमरे में चलने वाला डाकघर तक केन्द्रीय कार्यालय ही हैं।
क्र०सं० |
अंग्रेजी अभिव्यक्ति |
हिन्दी प्रयुक्ति |
1. | abandonment | परित्याग |
2. | absolute majority | स्पष्ट बहुमत |
3. | act of violence | हिंसात्मक कार्य |
4. | anticipatory bail | अग्रिम जमानत |
5. | attachment order | कुर्की आदेश |
6. | bill of rights | अधिकार-पत्र |
7. | breach of promise | वचन-भंग |
8. | charge sheet | आरोप-पत्र |
9. | code of conduct | आचार संहिता |
10. | commercial employment | वाणिज्यिक रोजगार |
11. | concurrent list | समवर्ती सूची |
12. | custom duty | सीमा शुल्क |
13. | defective control | त्रुटिपूर्ण नियन्त्रण |
14. | description of property | सम्पत्ति का विवरण, सम्पत्ति का वर्णन |
15. | due objections | उपयुक्त आपत्तियाँ |
16. | embezzlement | गबन |
17. | exempted employee | छूट प्राप्त कर्मचारी |
18. | regulation | विनियमन |
19. | remedial measures | उपचारी उपाय |
20. | residual income | अवशिष्ट आय |
21. | rigorous imprisonment | कठोर कारावास |
22. | secret ballot | गुप्त मतदान |
23 | sine die | अनिश्चितकाल के लिए |
24. | supplementary proceedings | अनुपूरक कार्यवाहियाँ |
25. | transfer deed | अन्तरण विलेख |
26. | tribunal | अधिकरण |
27. | unilateral relief | एकपक्षीय राहत |
28. | unnatural offence | प्रकृति-विरूद्ध अपराध |
29. | unsecured debt | अप्रतिभूत ऋण |
30. | vested | निहित |
31. | void agreement | शून्य करार |
32. | war victims | युद्ध-पीड़ित |
33. | welfare state | कल्याणकारी राज्य |
34. | whip | सचेतक |
35. | youthful offender | किशोर अपराधी |
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- अध्याय - 1 कार्यालयी हिन्दी का स्वरूप, उद्देश्य एवं क्षेत्र
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 कार्यालयी हिन्दी में प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 संक्षेपण
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 पल्लवन
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 प्रारूपण
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 6 टिप्पण
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 कार्यालयी हिन्दी पत्राचार
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 8 हिन्दी भाषा और संगणक (कम्प्यूटर)
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 संगणक में हिन्दी का ई-लेखन
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 हिन्दी और सूचना प्रौद्योगिकी
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 भाषा प्रौद्योगिकी और हिन्दी
- ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
- उत्तरमाला